भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम की प्रेरणा से निर्धन बच्चों की सहायतार्थ फर्रुखाबाद के तत्कालीन जिलाधिकारी, डॉ0 चरनजीत सिंह बख्शी, उनकी धर्मपत्नी डॉ0 तरनजीत सिंह बख्शी, वरिष्ठ शिक्षाविद् व कई उच्च शिक्षण संस्थानों के संस्थापक श्री बाबू सिंह यादव एवं भारतीय बाल विकास संस्थान के प्रबन्धक/सचिव श्री आशीष मिश्र ने संयुक्त रूप से 1 जनवरी 2005 को भारतीय बाल विकास संस्थान के बैनर तले ‘‘चिल्ड्रन्स बैंक‘‘ की स्थापना की। यह एक ऐसा बैंक है जहां बच्चों की आवश्यकता की विभिन्न वस्तुओं को एकत्रित (जमा) किया जाता है, और उन्हें निर्धन बच्चों में वितरित कर दिया जाता है। संस्थान के प्रबन्धक/सचिव श्री आशीष मिश्र कहते हैं कि अक्सर हम देखते हैं कि लोग अपने बच्चों के खिलौने, कपड़े, किताबें आदि उनके बड़े हो जाने पर फेंक देते हैं या फिर कबाड़े में बेच देते हैं, क्यों कि अब उनके घर में उनका कोई प्रयोग नहीं रहा, पर यदि इन्हीं खिलौनों, कपड़ों, किताबों आदि को ऐसे बच्चों को दे दिया जिनके लिये खिलौनों से खेलना एक सपना ही है, तो उन्हें होने वाली प्रसन्नता का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता, साथ ही देने वाले को भी आत्मसंतोष मिलेगा जो वह उन्हें कबाड़े में बेचकर मिले कुछ रुपयों से कभी नहीं मिल सकता। चिल्ड्रन्स बैंक में संस्थान के सदस्यों, कार्यकर्ताओं, शुभचिन्तकों आदि के माध्यम से नये-पुराने खिलौने, कपड़े, कॉपी-किताबें आदि बच्चों का उपयोगी सामान एकत्रित किया जाता है और जिस व्यक्ति ने दिया है उसी के माध्यम से समय-समय पर निर्धन बच्चों में वितरित करा दिया जाता है, ‘‘चिल्ड्रन्स बैंक’’ सिर्फ माध्यम है, प्रेरणा है बच्चों तक मदद पहुँचाने का। इसके साथ ही संस्थान द्वारा ‘‘चिल्ड्रन्स बैंक’’ के माध्यम से निर्धन बच्चों को शैक्षिक रूप से गोद लेने का अभियान भी चलाया जा रहा है, इस अभियान के अन्तर्गत अभी तक संस्थान द्वारा पांच बच्चों को शैक्षिक रूप से गोद लेकर उनकी शिक्षा व्यवस्था का व्यय वहन किया जा रहा है। संस्थान निर्धन या मजदूरी में लगे बच्चों के लिये विशेष शिक्षण/प्रशिक्षण केन्द्रों की स्थापना का प्रयास भी कर रहा है, इस प्रयास में आप सबका सहयोग अपेक्षित है।