ग्रामीण विकास योजना हेतु गतिविधियां: (Activities for VDP)
ग्रामीण विकास योजना के अन्तर्गत संस्थान मुख्य रूप जिन बिंदुओं पर कार्य कर रहा है उनका विवरण निम्नप्रकार है:-
Financial Inclusion & Credit Mobilization
1. Financial Literacy (Quiz Prog., Media Shows, Wall Paintings, Compt., Poster Making Etc.) 2. Formation & Linkage of 20 SHGs 3. Formation & Linkage of 10 JLGs 4. Formation two Farmers’ Clubs 5. Formation of VDC 6. Formation of Kishori Samooh 6. 100% Coverage of farmers under KCC 7. Coverage of 30 micro entrepreneurs under SCC 8. 100% bank linkage of households 9. 100% repayment through BC scheme 10. 100 eligible families coverage under micro-pension 11. Micro –insurance products
Infrastructure creation/Improvement :
विलेज डेवलपमेन्ट प्रोग्राम की सफलता के लिये इंन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण एवं मौजूद ढांचागत सुविधाओं में सुधार की अत्यन्त आवश्यकता है, या यूं कहें कि बिना इंन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण के आदर्श ग्राम बनाने की परिकल्पना को साकार करना अत्यन्त मुश्किल है। इस गतिविधि के परिणामस्वरूप ग्राम को आदर्श ग्राम के रूप में तो विकसित किया ही जा सकेगा साथ ही ग्रामीणों का विश्वास और उनका सहयोग भी प्राप्त किया जा सकेगा। मुख्य रूप से ग्राम विकास के लिये इंन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण एवं सुधार हेतु निम्न कार्य प्रमुखता से अपनाये जा रहे हैं:-
1. Library 2. Renovation of Existing Pond 3. Solar Lamps & Charging Station 4. Rural Haat 5. Seed Processing Unit 6. Safe Drinking water 7. Farmers School 8. Creation of a Small Health Sub-center 9. Hand pumps
Awareness Creation :
ग्रामीण विकास के लिये वर्तमान समय में भारत सरकार, राज्य सरकार, नाबार्ड, विभिन्न बैंकों और निजी क्षेत्र की सैकड़ों कम्पनियों द्वारा अनगिनत योजनाओं का संचालन किया जा रहा है, परन्तु ग्रामीणों को इन योजनाओं का पूरा लाभ नहीं मिल पाता क्यों कि उन्हें इनकी जानकारी नहीं होती, उन्हें पता ही नहीं होता कि उनके गांव के विकास के लिये, उनके विकास लिये क्या-क्या योजनायें हैं और उनका लाभ किस प्रकार उठाया जा सकता है।कुल मिलाकर ग्राम विकास के लिये, ग्रामीणों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिये उन्हें जागरुक बनाना अत्यन्त आवश्यक है, इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर निम्न जागरुकता गतिविधियों का आयोजन सुनिश्चित किया गया है:-
1. SHG-Basic Training Programme 2. JLG Sensitization programme 3. Workshop on credit Linked subsidy/Gov. Sponserd Schemes etc. 4. Awareness camp for Health 5. Awareness Camp for Environment 6. Awareness Camp for Girl Education & Child labor 7. Subscription to News paper/Monthly Mag. Etc.
Capacity Building:
गांव का सर्वांगीण विकास तभी संभव है जब ग्रामीण युवाओं, महिलाओं, युवतियों के आय के साधन बढ़ें और सिर्फ कृषि कार्य पर उनकी निर्भरता समाप्त हो, रोजगार/स्वरोजगार प्राप्त करने के लिये उन्हें किसी न किसी विशिष्ट कौशल में पारंगत होना, उनकी क्षमता को बढ़ाना आवश्यक है, ग्रामीण युवक-युवतियों की क्षमता निर्मण, कौशल वृद्धि के लिये निम्न प्रमुख गतिवधियों का आयोजन किया जाता है.
1. Computer Software, Mushrooms Clutitavation, Electrician, Health Care Assistant Etc. Training programmes Under Skill Development Initiatives (SDI) {1Programme per Year} 2. Micro Entrepreneurship Development Programme (MEDP) {1 Programme per Year} 3. Capacity Building for Adoption of Technology (CAT) {1 Programme per Year}
Farm Sector-Improving Productivity:
चूंकि ग्रामीणों का मुख्य व्यवसाय कृषि है, और ज्यादातर परिवार कृषि पर ही निर्भर करते हैं, अतः ग्राम उत्थान कार्यक्रम का उद्देश्य तभी सार्थक हो सकता है जब कृषि क्षेत्र पर निर्भर कृषकों को विभिन्न तकनीकों, प्रशिक्षण, जागरुकता, एक्सपोजर विजिट आदि के माध्यम कृषि क्षेत्र में उत्पादन को बढ़ाने के गुर सिखायें जायें, ग्राम उत्थान कार्यक्रम के अन्तर्गत निम्न कार्यक्रमों का आयोजन कर कृषकों को उत्पादन क्षमता बढ़ाने के तौर-तरीकों के बारे में विधिवत प्रशिक्षण, मार्गदर्शन, सहयोग प्रदान किया जाता है.
1. Soil testing, Sensitization/demonstration about land reclamation 2. Training & Demonstration of Azola units (Paddy & AH) 3. Sensitization programme on silage making improved Goatery & Piggery. 4. Training & Demonstration of Vermi compost 5. Model Nursery 6. Farm machine Service center 7. Seed Bank 8. Demonstration of Greenhouse Technology.
Social Functions :
ग्राम उत्थान कार्यक्रम से जन-सामान्य को जोड़ने, समन्वय बनाने, आत्मीयता बढ़ाने में सामाजिक कार्यक्रमों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, इसी को दृष्टिगत रखते हुये नाबार्ड के मार्गदर्शन के अनुसार भारतीय बाल विकास संस्थान द्वारा कुछ सामाजिक कार्यक्रमों, विशेष दिवसों आदि का आयोजन भी VDP के अंतर्गत चयनित ग्रामों में किया जाता है. जैसे Independence day Celebration, Republic Day Celebration, NABARD Day Celebration, Women’s Day Celebration, World Environment Day Celebration, Children’s Day Celebration आदि.
Risk & Stress Management :
जब तक यह जीवन है कोई न कोई जोखिम और तनाव हर किसी को रहता है परन्तु सफल वही होता है जो जोखिम और तनाव के समय बेहतर समझ और बूझ का प्रयोग करते हुये इनसे पार पा लेता है, वैसे भी आज भागम-भाग के इस जीवन में जोखिम और तनाव प्रबन्धन का महत्वपर्ण योगदान है, अतः ग्राम उत्थान कार्यक्रम के महत्वूपर्ण अंश के रूप में जोखिम और तनाव प्रबन्धन को भी रखा गया है, इस गतिविधि के अंतर्गत संस्थान द्वारा Art of Living, Family Counselling, Health Camps, Free Naturopathy Camp जैसे कार्यक्रमों का ग्रामों में आयोजन कर लोगों को जोखिम और तनाव प्रबंधन के बारे में जागरूक बनाया जाता है.
Financial Inclusion & Credit Mobilization
1. Financial Literacy (Quiz Prog., Media Shows, Wall Paintings, Compt., Poster Making Etc.) 2. Formation & Linkage of 20 SHGs 3. Formation & Linkage of 10 JLGs 4. Formation two Farmers’ Clubs 5. Formation of VDC 6. Formation of Kishori Samooh 6. 100% Coverage of farmers under KCC 7. Coverage of 30 micro entrepreneurs under SCC 8. 100% bank linkage of households 9. 100% repayment through BC scheme 10. 100 eligible families coverage under micro-pension 11. Micro –insurance products
Infrastructure creation/Improvement :
विलेज डेवलपमेन्ट प्रोग्राम की सफलता के लिये इंन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण एवं मौजूद ढांचागत सुविधाओं में सुधार की अत्यन्त आवश्यकता है, या यूं कहें कि बिना इंन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण के आदर्श ग्राम बनाने की परिकल्पना को साकार करना अत्यन्त मुश्किल है। इस गतिविधि के परिणामस्वरूप ग्राम को आदर्श ग्राम के रूप में तो विकसित किया ही जा सकेगा साथ ही ग्रामीणों का विश्वास और उनका सहयोग भी प्राप्त किया जा सकेगा। मुख्य रूप से ग्राम विकास के लिये इंन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण एवं सुधार हेतु निम्न कार्य प्रमुखता से अपनाये जा रहे हैं:-
1. Library 2. Renovation of Existing Pond 3. Solar Lamps & Charging Station 4. Rural Haat 5. Seed Processing Unit 6. Safe Drinking water 7. Farmers School 8. Creation of a Small Health Sub-center 9. Hand pumps
Awareness Creation :
ग्रामीण विकास के लिये वर्तमान समय में भारत सरकार, राज्य सरकार, नाबार्ड, विभिन्न बैंकों और निजी क्षेत्र की सैकड़ों कम्पनियों द्वारा अनगिनत योजनाओं का संचालन किया जा रहा है, परन्तु ग्रामीणों को इन योजनाओं का पूरा लाभ नहीं मिल पाता क्यों कि उन्हें इनकी जानकारी नहीं होती, उन्हें पता ही नहीं होता कि उनके गांव के विकास के लिये, उनके विकास लिये क्या-क्या योजनायें हैं और उनका लाभ किस प्रकार उठाया जा सकता है।कुल मिलाकर ग्राम विकास के लिये, ग्रामीणों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिये उन्हें जागरुक बनाना अत्यन्त आवश्यक है, इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर निम्न जागरुकता गतिविधियों का आयोजन सुनिश्चित किया गया है:-
1. SHG-Basic Training Programme 2. JLG Sensitization programme 3. Workshop on credit Linked subsidy/Gov. Sponserd Schemes etc. 4. Awareness camp for Health 5. Awareness Camp for Environment 6. Awareness Camp for Girl Education & Child labor 7. Subscription to News paper/Monthly Mag. Etc.
Capacity Building:
गांव का सर्वांगीण विकास तभी संभव है जब ग्रामीण युवाओं, महिलाओं, युवतियों के आय के साधन बढ़ें और सिर्फ कृषि कार्य पर उनकी निर्भरता समाप्त हो, रोजगार/स्वरोजगार प्राप्त करने के लिये उन्हें किसी न किसी विशिष्ट कौशल में पारंगत होना, उनकी क्षमता को बढ़ाना आवश्यक है, ग्रामीण युवक-युवतियों की क्षमता निर्मण, कौशल वृद्धि के लिये निम्न प्रमुख गतिवधियों का आयोजन किया जाता है.
1. Computer Software, Mushrooms Clutitavation, Electrician, Health Care Assistant Etc. Training programmes Under Skill Development Initiatives (SDI) {1Programme per Year} 2. Micro Entrepreneurship Development Programme (MEDP) {1 Programme per Year} 3. Capacity Building for Adoption of Technology (CAT) {1 Programme per Year}
Farm Sector-Improving Productivity:
चूंकि ग्रामीणों का मुख्य व्यवसाय कृषि है, और ज्यादातर परिवार कृषि पर ही निर्भर करते हैं, अतः ग्राम उत्थान कार्यक्रम का उद्देश्य तभी सार्थक हो सकता है जब कृषि क्षेत्र पर निर्भर कृषकों को विभिन्न तकनीकों, प्रशिक्षण, जागरुकता, एक्सपोजर विजिट आदि के माध्यम कृषि क्षेत्र में उत्पादन को बढ़ाने के गुर सिखायें जायें, ग्राम उत्थान कार्यक्रम के अन्तर्गत निम्न कार्यक्रमों का आयोजन कर कृषकों को उत्पादन क्षमता बढ़ाने के तौर-तरीकों के बारे में विधिवत प्रशिक्षण, मार्गदर्शन, सहयोग प्रदान किया जाता है.
1. Soil testing, Sensitization/demonstration about land reclamation 2. Training & Demonstration of Azola units (Paddy & AH) 3. Sensitization programme on silage making improved Goatery & Piggery. 4. Training & Demonstration of Vermi compost 5. Model Nursery 6. Farm machine Service center 7. Seed Bank 8. Demonstration of Greenhouse Technology.
Social Functions :
ग्राम उत्थान कार्यक्रम से जन-सामान्य को जोड़ने, समन्वय बनाने, आत्मीयता बढ़ाने में सामाजिक कार्यक्रमों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, इसी को दृष्टिगत रखते हुये नाबार्ड के मार्गदर्शन के अनुसार भारतीय बाल विकास संस्थान द्वारा कुछ सामाजिक कार्यक्रमों, विशेष दिवसों आदि का आयोजन भी VDP के अंतर्गत चयनित ग्रामों में किया जाता है. जैसे Independence day Celebration, Republic Day Celebration, NABARD Day Celebration, Women’s Day Celebration, World Environment Day Celebration, Children’s Day Celebration आदि.
Risk & Stress Management :
जब तक यह जीवन है कोई न कोई जोखिम और तनाव हर किसी को रहता है परन्तु सफल वही होता है जो जोखिम और तनाव के समय बेहतर समझ और बूझ का प्रयोग करते हुये इनसे पार पा लेता है, वैसे भी आज भागम-भाग के इस जीवन में जोखिम और तनाव प्रबन्धन का महत्वपर्ण योगदान है, अतः ग्राम उत्थान कार्यक्रम के महत्वूपर्ण अंश के रूप में जोखिम और तनाव प्रबन्धन को भी रखा गया है, इस गतिविधि के अंतर्गत संस्थान द्वारा Art of Living, Family Counselling, Health Camps, Free Naturopathy Camp जैसे कार्यक्रमों का ग्रामों में आयोजन कर लोगों को जोखिम और तनाव प्रबंधन के बारे में जागरूक बनाया जाता है.