कौशल विकास कार्यक्रम (Skill Development Initiatives)
बालिकाओं एवं महिलाओं के सशक्तिकरण के लिये उन्हें सर्वप्रथम इस योग्य बनाना है कि वह अपने हुनर अथवा कौशल के बल पर रोजगार/स्वरोजगार प्राप्त कर सकें। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों की 18 से 35 वर्ष आयुवर्ग की युवा महिलाओं को विभिन्न प्रकार के कौशल का प्रशिक्षण देकर उन्हें हुनरमंद बनाना और उनके लिये रोजगार/स्वरोजगार के रास्ते खोलना ही कौशल विकास कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य है।
संस्थान द्वारा जनपद फर्रुखाबाद के दूर-दराज स्थिति ग्रामीण क्षेत्रों में समय-समय पर कौशल विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत जरी जरदोजी, सिलाई-कढ़ाई (टेलरिंग), सॉफ्ट् ट्वायज, हैण्डीक्राफ्ट्स, कैण्डिल मेकिंग, ब्यूटीशियन कोर्स, कम्प्यूटर आदि विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन कर ग्रामीण युवतियों को स्वरोजगार की ओर प्रेरित करने का प्रयास किया जाता है। संस्थान के वरिष्ठ अधिकारी, स्थानीय बैंक प्रबन्धक, डी.डी.एम. नाबार्ड तथा अन्य संबंधित अधिकारियों की एक चयन समिति के माध्यम से ऐसी महिलाओं का प्रशिक्षण हेतु चयन किया जाता है जो लगनशील हैं और प्रशिक्षण के माध्यम से रोजगार/स्वरोजगार प्राप्त करने की दृण इच्छा रखतीं हैं। इसी के साथ संबंधित महिलाओं द्वारा पूर्व में किये जा रहे कार्यों, उनकी सामाजिक आर्थिक स्थिति एवं संबधित ग्राम की भौगौलिक स्थिति, कच्चे माल की उपलब्धता, मार्केटिंग आदि बिंदुओं को ध्यान में रखते हुये प्रशिक्षण के ट्रेड का चयन किया जाता है। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत महिलाओं को रोजगारपरक प्रशिक्षण तो दिया ही जाता है साथ ही बैंक खाता खोलने, बैंक से ऋण प्राप्त करने, स्वरोजगार स्थापित करने हेतु चल रही विभिन्न सरकारी/गैर सरकारी योजनाओं की जानकारी भी उन्हें प्रदान की जाती है, इसके लिये प्रशिक्षण कार्यक्रम के बीच में समय-समय पर विशेष गतिविधियों, शैक्षिक भ्रमण आदि का आयोजन भी किया जाता है। इसके साथ संस्थान का प्रयास है कि विभिन्न कार्पोरेट्स घरानों/कंपनियों से संपर्क कर उनकी मांग/आवश्यकता के आधार पर प्रशिक्षण कार्यक्रमों का निर्धारण किया जाये, ताकि उन्हें कुशल कामगार मिल सकंे और ग्रामीण महिलाओं को रोजगार। |
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