Vocational Training मई, 2003 से पहले जनपद फर्रुखाबाद में व्यावसायिक प्रशिक्षण के नाम पर शहर में शून्यता थी, बालिकायें ग्रीष्मावकाश का उपयोग सोकर, इधर-उधर घूमकर या घरों पर खाली बैठकर करतीं थीं, संस्थान ने सर्वप्रथम शहर के नारायण आर्य कन्या पाठशाला इण्टर कालेज, लोहाई रोड में महिलाओं एवं बालिकाओं के लिये सिलाई, कढ़ाई, ब्यूटीशियन, कारचोब, हैण्डीक्राफ्ट, सॉफ्ट ट्वायज, कथक, इंग्लिश स्पीकिंग, ढोलक, पेंटिंग, माइक्रोन वर्क, मेंहदी, आर्टिफिशियल फ्लॉवर मेकिंग आदि के प्रशिक्षण की शुरूआत की। प्रशिक्षण कार्यक्रम में पहुँचकर तत्कालीन केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानन्द जी, उ0प्र0 सरकार की पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ0 प्रभा द्विवेदी, राज्य सभा के तत्कालीन मुख्य सचेतक प्रो0 रामबख्श सिंह वर्मा आदि ने प्रशिक्षण प्राप्त कर रहीं बालिकाओं एवं महिलाओं का उत्साहवर्धन किया।
संस्थान की शुरुआत के बाद शहर में एक सांस्कृतिक क्रांति आयी और अन्य संस्थाओं ने भी व्यावसायिक प्रशिक्षण शिविरों, केन्द्रों आदि की शुरुआत की। संस्थान के प्रशिक्षण शिविरों में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली छात्राओं ने प्रशिक्षण के उपरान्त स्वयं के ब्यूटीपार्लर, ट्रेनिंग सेन्टर आदि प्रारम्भ किये और स्वरोजगार की ओर एक प्रभावी कदम उठाया। वर्ष 2004 में भारतीय बाल विकास संस्थान ने फर्रुखाबाद के जिला मुख्यालय फतेहगढ़ के राजकीय बालिका इण्टर कालेज (जी.जी.आई.सी.) में भी ग्रीष्मावकाश प्रशिक्षण शिविर की शुरुआत कर व्यावसायिक प्रशिक्षण की शुरुआत की। तत्कालीन जिला जज श्री सच्चिदानंद शुक्ल, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री मुकेश राजपूत, उ0प्र0 सरकार की पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ0 प्रभा द्विवेदी, वरिष्ठ शिक्षाविद् श्री बाबूसिंह यादव, मेजर एस0डी0सिंह मेडिकल कॉलेज के चेयरमैन डॉ0 जितेन्द्र यादव, डॉ0 अनीता रंजन आदि ने संस्थान के कदम की सराहना करते हुये शिविर में अपना सराहनीय सहयोग प्रदान किया, और इसके बाद शुरु हुआ फतेहगढ़ में भी व्यावसायिक प्रशिक्षण शिविरों, केन्द्रों की स्थापना का दौर। संस्थान में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली विभिन्न युवतियों ने शहर में एक दर्जन से अधिक प्रशिक्षण केन्द्रों, ब्यूटीपार्लर आदि की स्थापना की और स्वरोजगार प्राप्त किया। वर्ष 2008 में जनपद हरदोई में भी संस्थान द्वारा व्यावसायिक प्रशिक्षण के द्वारा स्वरोजगार की ओर युवाओं की प्रेरित करने की मुहिम का शुभारम्भ किया गया, मुहिम को डी0एस0सी0एल0 शुगर रूपापुर ने अपना पूर्ण सहयोग किया। इसी के साथ ग्रामीण युवक-युवतियों को स्वरोजगार की ओर प्रेरित करने हेतु नाबार्ड के साथ मिलकर जनपद फर्रुखाबाद के विभिन्न ग्रामीणों क्षेत्रों में कैंडिंल मेकिंग, टेलरिंग, जरी-जरदोजी, मधुमक्खी पालन, दुग्ध उत्पादन एवं प्रसंस्करण, हैण्डीक्राफ्ट, गारमेंट आदि के प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन प्रारम्भ किया गया। इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों में प्रशिक्षण प्राप्त लाभार्थियों विवरण निम्नवत है : वित्तीय वर्ष लाभार्थियों की संख्या महिला पुरुष ग्रामीण शहरी 2002-03 652 602 50 123 479 2003-04 675 620 55 148 527 2004-05 668 575 93 95 573 2005-06 765 640 125 98 667 2006-07 863 678 185 136 727 2007-08 797 768 29 245 552 2008-09 868 736 132 215 653 2009-10 783 703 80 208 575 2010-11 964 694 270 206 758 |